प्राचार्य डॉ.सुनील आर्य ने कहा कि मरीजों को निजी अस्पतालों में बेचना कानून के साथ-साथ मानवता के प्रति भी अपराध है।
*इसमें जो भी संलिप्त हैं,उसे बख्शा नहीं जाएगा,आरोपी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से अब काम नहीं लिया जाएगा।*
*घटना के दिन का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रहे,इसके लिए डीबीआर जब्त कर लिया गया है।*
बीआरडी मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पतालों को मरीज बेचने के मामले की जांच शुरू हो गई है।मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पहली बार इस मामले में खुद आगे बढ़ते हुए कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किया और उसकी डीबीआर व रिकार्डिंग को जब्त किया है।पुलिस की जांच में यह इलेक्ट्रानिक रिकार्ड महत्वपूर्ण साक्ष्य बनेगा।
बीआरडी में भर्ती मरीजों को बेहतर इलाज का भरोसा दिलाकर दलालों ने तीन गंभीर मरीजों को निजी अस्पताल को बेच दिया था।इस मामले का खुलासा होने पर प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य महकमे ने भी अपने स्तर से जांच व कार्रवाई शुरू कर दी है।बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने भी इस मामले की जांच के लिए अपने स्तर से प्रयास किए हैं।
प्राचार्य डॉ.सुनील कुमार आर्या ने बताया कि कॉलेज गेट से लेकर वार्डों की गैलरी तक में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की गई।इस दौरान संदिग्ध दलाल का एक मरीज के परिजनों से बात करते और फिर दो कर्मचारियों से बात करने का फुटेज मिला।
*प्राचार्य की सजगता से बचा रिकार्ड,दोषी जाएंगे जेल*
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इससे पहले भी कई बार मरीज व खून बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। पिछली घटनाओं में कॉलेज प्रशासन जांच में सहयोग नहीं करता था, लेकिन इस बार खुद प्राचार्य ने बदनामी का दाग धोने के लिए मोर्चा संभाला और छापेमारी वाली रात में ही कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग चेक की। मामले की पुष्टि होने पर संलिप्त आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बारे में पुलिस को सूचना दी।इसके साथ ही डीबीआर को जब्त कर लिया,जिससे कि रिकार्डिंग सुरक्षित रहे।
दरअसल पिछली बार जब कर्मचारियों के नाम सामने आए और पुलिस जांच करने पहुंची तो कैमरों की रिकार्डिंग ही नहीं मिली।जिससे आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य ही नहीं मिले।इसलिए इस बार प्राचार्य ने बिना किसी को मौका दिए,खुद ही रिकार्ड की जांच की।
प्राचार्य डॉ.सुनील आर्य ने कहा कि मरीजों को निजी अस्पतालों में बेचना कानून के साथ-साथ मानवता के प्रति भी अपराध है।इसमें जो भी संलिप्त हैं,उसे बख्शा नहीं जाएगा।आरोपी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से अब काम नहीं लिया जाएगा।घटना के दिन का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रहे, इसके लिए डीबीआर जब्त कर लिया गया है।साक्ष्यों से पुलिस प्रशासन को भी अवगत कराया गया है।ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी संबंधित उपाय भी किए जा रहे हैं।